मुख्य बातें
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राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने विरोधाभासी रिपोर्टों के बाद दंगा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया
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हरगोबिंद और चंदन दास के परिवार से मिलकर न्याय का वादा किया
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स्थानीय लोगों ने सुरक्षा की मांग की, BSF की स्थायी तैनाती की अपील
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तृणमूल कांग्रेस का आरोप – “राज्यपाल और NHRC मिलकर माहौल बिगाड़ रहे हैं”
🔍 क्या है पूरा मामला?
वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पश्चिम बंगाल के कई मुस्लिम-बहुल इलाकों में भड़क उठा। 8 अप्रैल से 12 अप्रैल के बीच मुर्शिदाबाद और मालदा ज़िले हिंसा की चपेट में आ गए। इसी दौरान हरगोबिंद दास और उनके बेटे चंदन दास की नृशंस हत्या कर दी गई। शव उनके घर के अंदर, जाफराबाद (शमशेरगंज) में मिले—घाव इतने कि देखने वालों की रूह काँप उठे।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस, जिन्होंने विरोधाभासी रिपोर्ट मिलने के बाद ज़िले का दौरा किया, सबसे पहले फरक्का गेस्ट हाउस में कुछ पीड़ित परिवारों से मिले। फिर शमशेरगंज, धूलियन बाज़ार, सूटि और जंगीपुर में हिंसा प्रभावित लोगों से सीधे संवाद किया।
🤝 राज्यपाल की गंभीर अपील: "शांति जरूरी है!"
राज्यपाल ने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया:
"आपकी बातों को मैंने सुना। BSF की मांग है—मैं इस पर संबंधित अधिकारियों से बात करूंगा। सक्रिय कार्रवाई होगी। और हां, राजभवन का 'Peace Room' नंबर मैंने साझा कर दिया है – कोई भी मदद के लिए संपर्क कर सकता है।"
जब पीड़ित परिजन रोते हुए उनके पैरों पर गिर पड़े, तो पूरे दृश्य में एक मार्मिक भावनात्मक गहराई आ गई।
💬 राज्यपाल का बयान - "बर्बरता देख दंग रह गया"
India Today से बातचीत में उन्होंने कहा:
"मुझे विरोधाभासी रिपोर्टें मिली थीं—इसलिए खुद मुआयना करना ज़रूरी समझा। जो मैंने देखा, वह बर्बरता थी। मानव व्यवहार का पतन। लोगों ने सिस्टम से विश्वास खो दिया है।"
🚧 ग्रामीणों ने किया रास्ता जाम: “राज्यपाल लौटें!”
जैसे ही राज्यपाल का काफिला बेतबोना से रवाना हुआ, वहां के स्थानीय लोगों ने रास्ता रोक दिया। बोले:
"साहब, हमारी भी सुनिए!"
राज्यपाल फिर लौटे, चर्चा की और उन्हें आश्वस्त किया। यह कदम लोगों के दिल को छू गया।
🗣️ मालदा में भी मची हलचल
मालदा के एक राहत शिविर में पहुंचे राज्यपाल ने दंगा पीड़ितों से मुलाकात की, जो जान बचाकर मुर्शिदाबाद से भागे थे। उन्होंने कहा,
"आपकी तकलीफ समझता हूं। जो भी ज़रूरी कदम होंगे, वो उठाए जाएंगे।"
🎯 राजनीतिक मोर्चे पर आग
राज्यपाल के दौरे पर तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
सांसद सौगत रॉय बोले:
"मुख्यमंत्री ने मना किया था फिर भी गए! यह सिर्फ तनाव फैलाने की साजिश है। NHRC और NCW की टीमों को बुलाकर माहौल बिगाड़ना चाहते हैं।"
👮 अब तक की पुलिस कार्रवाई:
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कुल 60 एफआईआर दर्ज
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274 लोग गिरफ्तार
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कम से कम 3 मौतें, सैकड़ों बेघर
निष्कर्ष
पश्चिम बंगाल में वक्फ एक्ट को लेकर उपजे विवाद ने एक बार फिर दिखा दिया कि राज्य की सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था में गहरी खलबली है। राज्यपाल के हस्तक्षेप से लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन सवाल वही हैं — क्या न्याय मिलेगा? क्या स्थायी समाधान होगा?
और सबसे अहम—क्या ये सिर्फ एक और राजनीतिक तमाशा है या वास्तव में “जनता की आवाज़” की सुनवाई?

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